रावण के पुतले को जलते देखा,
पटाखो के बीच लोगों को उछलते देखा..!!
खुश थे सभी बुराई को मिटता देख,
हर इंसान में मगर रावण को जिन्दा देखा..!!
Raavan ke putle ko jalte dekha,
Patakho ke beech logon ko uchchalte dekha..
Khush the sabhi burai ko mitta dekh,
Har insaan mein magar Raavan ko jinda dekha..
काम क्रोध लोभ अहंकार,
इन सबको सबके अन्दर देखा..!!
नीयत कहो या नियति कहो,
अपने अन्दर भी सबको देखा..!!
Kaam krodh lobh ahankar,
In sabko sabke andar dekha..
Neeyat kaho ya niyati kaho,
Apne andar bhi sabko dekha..
जिस रावण को बुराई का प्रतीक हम मान चुके,
उस में तो था बुद्धि बल असीम भरा..!!
साधारण सी बात मगर वो समझ ना सका,
जिस कारणवश वो था मरा..
Jis Raavan ko burai ka prateek hum maan chuke,
Us mein to tha buddhi bal asim bhara..
Sadharan si baat magar wo samajh na saka,
Jis kaaranvash wo tha mara..
खत्म नहीं करते हम अपने अंदर के रावण को,
उंगली उठाते हैं दूसरों पे अपनी गलती छुपाने को..!!
सभी रावण हो गये हैं कहाँ से आयेंगे इतने राम.?
अन्दर के राम को जगाना होगा अन्दर के रावण मिटाने को..!!©RRKS!!
Khatm nahi karte hum apne andar ke Raavan ko,
Ungli uthate hain dusro pe apni galti chhupane ko..
Sabhi Raavan ho gaye hain kahan se aayenge itne Ram.?
Andar ke Ram ko jagaana hoga andar ke Raavan mitane ko ..!!©RRKS!!
खत्म नहीं करते हम अपने अंदर के रावण को,
ReplyDeleteउंगली उठाते हैं दूसरों पे अपनी गलती छुपाने को..!!
सभी रावण हो गये हैं कहाँ से आयेंगे इतने राम.?
अन्दर के राम को जगाना होगा अन्दर के रावण मिटाने को..
आभार आपका, बिल्कुल पहले अपने अन्दर के शूर्पनखा और रावण को खत्म करना चाहिए..।।
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