कभी गुस्से के रूप में,
दर्द मैं छुपाता हूँ.!
कभी हँसी मज़ाक में,
दर्द मैं बताता हूँ..!!
Kabhi gusse ke roop mein,
Dard main chhupata hoon..
Kabhi hansi mazak mein,
Dard main batata hoon..
समझ सका ना कोई,
मेरे दिल के हालत को.!
दर्द दिल में लिये,
हमेशा मुस्कुराता हूँ..!!
Samajh saka na koi,
Mere dil ke haalat ko..
Dard dil mein liye,
Hamesha muskurata hoon..
जो समझे हैं वो भी,
साथ रह ना सके.!
बोझ दर्द का मैं,
अकेले ही उठाता हूँ..!!
Jo samjhe hain wo bhi,
Saath rah na sake..
Bojh dard ka main,
Akele hi uthata hoon..
किसी से क्या कहूँ मैं,
कैसे दिन बिताता हूँ.!
अकेले में आँसू को,
सहारा मैं बनाता हूँ..!!
Kisi se kya kahoon main,
Kaise din bitata hoon..
Akele mein aansu ko,
Sahara main banata hoon..
प्यार और जुदाई,
सबके हिस्से में आते हैं.!
सब में हिम्मत हो सहने की,
दुआ यही मैं करता हूँ..!!RRKS.!!
Pyar aur judai,
Sabke hisse mein aate hain..
Sab mein himmat ho sahne ki,Dua yahi main karta hoon..RRKS.
Laajawaab
ReplyDeleteधन्यवाद..।।
DeleteLove it,
ReplyDeleteThanks Mayank..
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