आँखों में मेरे जो हैं आयें,
दर्द है वो जो मैने हैं पायें.!
असर है ये उनकी यादों का,
जो मैने दिल में हैं छुपायें..!!
Aankhon mein mere jo hain aayein,
Dard hai wo jo maine hain paayein..
Asar hai ye unki yaadon ka,
Jo maine dil mein hain chhupayein..
कभी भी मुझको हैं सताते,
कभी भी मुझको हैं तड़पाते.!
रो देती है रूह भी मेरी,
जब भी वो याद हैं आते..!!
Kabhi bhi mujhko hain satate,
Kabhi bhi mujhko hain tadpate..
Ro deti hai rooh bhi meri,
Jab bhi wo yaad hain aate..
कैसे भुलाऊं.? कैसे मिटाऊं.?
कैसे अपना मैं जी बहलाऊं..??
होठो पे हंसी रखता हूँ हर पल,
दिल को अपने पर समझा ना पाऊं..!!
Kaise bhulaun.? Kaise mitaun.?
Kaise apna main ji bahalaun..??
Hotho pe hansi rakhta hoon har pal,
Dil ko apne par samjha na paun..
सब के गम बाँट लेता हूँ,
सब में खुशियाँ बाँट देता हूँ.!
मिल जाती है दिल को थोड़ी तसल्ली,
दिन यूँ ही मैं काट लेता हूँ..!!RRKS.!!
Sab ke gam baant leta hoon,
Sab mein khushiyan baant deta hoon..
Mil jaati hai dil ko thodi tasalli,
Din yun hi main kaat leta hoon..RRKS.
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति ! बहुत खूब !
ReplyDeleteसाधना जी, बहुत बहुत धन्यवाद..।।
DeleteBeautiful ! :)
ReplyDeleteThanks for the appreciation..
Deleteबढ़िया रचना
ReplyDeleteधन्यवाद स्मिता जी..।।
Deleteबहुत सुन्दर व भावपूर्ण कविता। स्वयं शून्य
ReplyDeleteधन्यवाद राजीव जी..।।
DeleteKya khe ki kuch kaha nhi jata
ReplyDeleteItni sundar rachna par
धन्यवाद करूणेश..।।
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