Thursday, November 13, 2014

बच्‍चों के साथ जब होता हूँ,
मैं भी बच्चा तब होता हूँ.।
प्यारी सी मुस्‍कान से उनके,
मैं भी बहुत खुश होता हूँ..।।
Bachchon ke saath jab hota hoon,
Main bhi bachha tab hota hoon..
Pyari si muskan se unke,
Main bhi bahut Khush hota hoon..

नन्हे नन्हे हाथ पाँव जब,
मेरी तरफ बढ़ते हैं.।
बाहों में तब मैं भर लेता हूँ,
दिल के करीब वो रहते हैं..।।
Nanhe nanhe haath paanv jab,
Meri taraf badhte hain..
Baahon mein tab main bhar leta hoon,
Dil ke kareeb wo rahte hain..

शरारतों में उनके तो,
सच्चाई छुपे होते हैं.।
उत्साह इतना होता है की,
कभी नहीं वो थकते हैं..।।
Shararaton mein unke to,
Sachchai chhupe hote hain..
Utsaah itna hota hai ki,
Kabhi nahi wo thakte hain..

सबसे दोस्ती होती है उनकी,
सबसे प्यार वो करते हैं.।
गुस्सा हो भी जायें तो,
जल्द ही वो मान जाते हैं..।।
Sabse dosti hoti hai unki,
Sabse pyar wo karte hain..
Gussa ho bhi jayein to,
Jald hi wo maan jaate hain..

वो भोलापन वो मासूमियत,
और क़हीं नहीं मिलते हैं.।
सच तो यही है की,
भगवान बच्चों में ही होते हैं..।।RRKS.।।
Wo bholapan wo masumiyat,
Aur kahin nahi milte hain..
Sach to yahi hai ki,
Bhagwan bachchon mein hi hote hain..RRKS.

2 comments:

  1. बच्चों के साथ बच्चा बन जाने में जो आनंद है वही सच्चा है

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    1. जी इसलिये हम जिन्दगी भर अपने बचपन को याद करते हैं..।।

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