आँखों में आँसू नहीं है रखता,
दिल में छुपाये है वो दर्द.।
उपर से सख्त अंदर से नर्म,
हाँ वही तो है मर्द..।।
Aankhon mein aansu nahi hai rakhta,
Dil mein chhupaye hai wo dard..
Upar se sakht andar se narm,
Haan wahi to hai mard..
देश के लिये सीमा पर खड़ा है रहता,
मौसम कभी है गर्म तो कभी है सर्द.।
सबके चैन के लिये खुद है जागता,
हाँ वही तो है मर्द..।।
Desh ke liye seema par khada hai rahta,
Mausam kabhi hai garm to kabhi hai sard..
Sabke chain ke liye khud hai jaagta,
Haan wahi to hai mard..
नारी हर रूप में सुख है देती,
उनको खुश रखना है लाज़मी.।
सम्मान जो देता है नारी को,
हाँ वही तो है आदमी..।।
Nari har roop mein sukh hai deti,
Unko khush rakhna hai laajmi..
Samman jo deta hai nari ko,
Haan wahi to hai aadmi..
पथरीले रास्ते को सुखद है बनाता,
गांव हो या हो शहर.।
ख़वाहिशें सबकी पूरी है करता,
हाँ वही तो है नर..।।
Pathrile raste ko sukhad hai banata,
Gaanv ho ya ho shahar..
Khwaishein sabki puri hai karta,
Haan wahi to hai nar..
कर्म में विश्वास रखता है,
परिवार को रखता है वो खुश.।
जिम्मेदारियां सारे जो निभाता है,
हाँ वही तो है पुरुष..।।RRKS.।।
Karm mein vishwash rakhta hai,
Parivaar ko rakhta hai wo khush..
Jimmedariyan saare jo nibhata hai,
Haan wahi to hai purush..RRKS.
दिल में छुपाये है वो दर्द.।
उपर से सख्त अंदर से नर्म,
हाँ वही तो है मर्द..।।
Aankhon mein aansu nahi hai rakhta,
Dil mein chhupaye hai wo dard..
Upar se sakht andar se narm,
Haan wahi to hai mard..
देश के लिये सीमा पर खड़ा है रहता,
मौसम कभी है गर्म तो कभी है सर्द.।
सबके चैन के लिये खुद है जागता,
हाँ वही तो है मर्द..।।
Desh ke liye seema par khada hai rahta,
Mausam kabhi hai garm to kabhi hai sard..
Sabke chain ke liye khud hai jaagta,
Haan wahi to hai mard..
नारी हर रूप में सुख है देती,
उनको खुश रखना है लाज़मी.।
सम्मान जो देता है नारी को,
हाँ वही तो है आदमी..।।
Nari har roop mein sukh hai deti,
Unko khush rakhna hai laajmi..
Samman jo deta hai nari ko,
Haan wahi to hai aadmi..
पथरीले रास्ते को सुखद है बनाता,
गांव हो या हो शहर.।
ख़वाहिशें सबकी पूरी है करता,
हाँ वही तो है नर..।।
Pathrile raste ko sukhad hai banata,
Gaanv ho ya ho shahar..
Khwaishein sabki puri hai karta,
Haan wahi to hai nar..
कर्म में विश्वास रखता है,
परिवार को रखता है वो खुश.।
जिम्मेदारियां सारे जो निभाता है,
हाँ वही तो है पुरुष..।।RRKS.।।
Karm mein vishwash rakhta hai,
Parivaar ko rakhta hai wo khush..
Jimmedariyan saare jo nibhata hai,
Haan wahi to hai purush..RRKS.
पथरीले रास्ते को सुखद है बनाता,
ReplyDeleteगांव हो या हो शहर.।
ख़वाहिशें सबकी पूरी है करता,
हाँ वही तो है नर
काश ! इस बात जो ये दुनिया समझ पाती ! बहुत ही सुन्दर भावनाएं
धन्यवाद योगी जी..।।
Deleteji bilkul wahi hai purush....umdaa...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद..।।
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